NCERT Class 7 Hindi Bal Mahabharat बाल महाभारत Solutions
Question - 1 : - गंगा ने शांतनु से कहा- “राजन! क्या आप अपना वचन भूल गए।” तुम्हारे विचार से शांतनु ने गंगा को क्या वचन दिया होगा?
Answer - 1 : -
हमारे विचार से शांतनु ने गंगा को यह वचन दिया होगा कि वह उनसे पुत्र पाने की कामना नहीं करेंगे और वह उसके किसी भी कार्य में हस्तक्षेप नहीं करेंगे और कोई प्रश्न नहीं पूछेगे।
Question - 2 : - महाभारत के समय में राजा के बड़े पुत्र को अगला राजा बनाने की परंपरा थी। इस परंपरा को ध्यान में रखते हुए बताओ कि तुम्हारे अनुसार किसे राजा बनाया जाना चाहिए था-युधिष्ठिर या दुर्योधन को? अपने उत्तर का,कारण भी बताओ।
Answer - 2 : -
महाभारत के समय में राजा के बड़े पुत्र को अगला राजा बनाने की परंपरा थी। इस परंपरा को ध्यान में रखते हुए युधिष्ठिर को राजा बनाया जाना चाहिए था, क्योंकि
- हस्तिनापुर की गद्दी के उत्तराधिकारी पांडु थे। अतः उनके बड़े पुत्र को गद्दी मिलनी चाहिए थी।
- यदि यह भी मान लें कि धृतराष्ट्र भी तो राजा थे, तब भी युधिष्ठिर गद्दी के हकदार बनते हैं क्योंकि वे दुर्योधन से बड़े थे।
Question - 3 : - महाभारत के युद्ध को जीतने के लिए कौरवों और पांडवों ने अनेक प्रयास किए। तुम्हें दोनों के प्रयासों में जो उपयुक्त लगे हों, उनके कुछ उदाहरण दो।
Answer - 3 : -
महाभारत के युद्ध को जीतने के लिए कौरवों और पांडवों दोनों ने नैतिक और अनैतिक दोनों तरीके को अपनाया। इस कहानी के अनैतिक तरीकों को छोड़ दिया जाए तो पांडवों के तरीके हमें कुछ हद तक सही लगे। मसलन अपने मित्रों की सहायता लेना। दूसरा युधिष्ठिर का भीष्म, द्रोण, कृप, शल्य से युद्ध करने की आज्ञा लेना। तीसरा पांडवों के द्वारा श्रीकृष्ण को अपने साथ लेना। पांडवों द्वारा कौरव पक्ष के लोगों की सहानुभूति पा लेना।
Question - 4 : - तुम्हारे विचार से महाभारत के युद्ध को कौन रुक सकता था? कैसे?
Answer - 4 : -
हमारे विचार से महाभारत के युद्ध को पितामह भीष्म और आचार्य द्रोण रुकवा सकते थे, क्योंकि यदि पितामह भीष्म और आचार्य द्रोण दुर्योधन के अन्याय का समर्थन नहीं करते, तो कृपाचार्य और अश्वत्थामा भी उनका साथ नहीं देते। तब कौरव कमजोर पड़ जाते और इन लोगों के अनुपस्थिति में दुर्योधन युद्ध करने में समर्थ नहीं हो पाता।
Question - 5 : - इस पुस्तक में से कोई पाँच मुहावरे चुनकर उनका वाक्यों में प्रयोग करो।
Answer - 5 : -
- नीचा दिखाना – दुर्योधन का प्रयास सदैव पांडवों को नीचा दिखाने का रहता था।
- काम तमाम करना – भीम ने दुर्योधन का काम तमाम कर दिया।
- खलबली मचना – अश्वत्थामा के आते ही कौरव सेना में खलबली मच गई।
- दंग रहना – अभिमन्यु के युद्ध-कौशल को देखकर कौरव-सेना दंग रह गई।
- नाक में दम करना – घटोत्कच ने अपने प्रहारों से कर्ण की नाक में दम कर दिया था।
Question - 6 : - महाभारत में एक ही व्यक्ति के एक से अधिक नाम दिए गए हैं, बताओ, नीचे लिखे हुए नाम किसके हैं?
पृथा राधेय वासुदेव
गांगेय सैरंध्री कंक
Answer - 6 : -
पृथा – कुंती
राधेय – कर्ण
वासुदेव – श्रीकृष्ण
गांगेय – देवव्रत, भीष्म
सैरंध्री – द्रौपदी
कंक – युधिष्ठिर
Question - 7 : - तुम्हारे अनुसार महाभारत कथा में किस पात्र के साथ सबसे अधिक अन्याय हुआ और क्यों?
Answer - 7 : -
हमारे विचार से सबसे अधिक अन्याय कर्ण के साथ हुआ है। जैसे-
- सूर्य-पुत्र कर्ण को उसकी जन्मदात्री ने त्याग दिया।
- शस्त्र-परीक्षण के दिन पहचान लेने के बाद भी कुंती ने उसे नहीं अपनाया।
- उत्तम कुल में उत्पन्न होकर भी वह सूत-पुत्र कहलाया।
- इंद्र ने उसके साथ छल किया।
- परशुराम ने उसे शाप दिया।
- अर्जुन ने उसे छल से मारा।।
Question - 8 : - महाभारत के युद्ध में किसकी जीत हुई? (याद रखो कि इस युद्ध में दोनों पक्षों के लाखों लोग मारे गए थे)
Answer - 8 : -
महाभारत के युद्ध में पांडवों की जीत हुई क्योंकि पाँचों पांडव जीवित बच गए जबकि कौरव-पुत्रों में से कोई न बचा। इसके अलावा दोनों पक्षों में लाखों आदमी मारे गए।
Question - 9 : - तुम्हारे विचार से महाभारत की कथा में सबसे अधिक वीर कौन था/थी? अपने उत्तर का कारण भी बताओ।
Answer - 9 : -
महाभारत की कथा में एक से बढ़कर एक वीर था। अतः निर्णय करना बहुत कठिन है। पितामह भीष्म, आचार्य द्रोण, कर्ण व अर्जुन एक से बढ़कर एक वीर थे। सबसे अधिक के प्रश्न पर अर्जुन को माना जा सकता है। पितामह भीष्म व द्रोणाचार्य तो सदैव अर्जुन की वीरता की प्रशंसा करते ही थे। अर्जुन व कर्ण की तुलना करने पर कर्ण क्यों पिछड़ गया। कारण इस प्रकार है-
- राजा द्रुपद को बंदी बनाकर लाने में कर्ण असफल रहा, जबकि अर्जुन को सफलता मिली।
- गंधर्वराज से कर्ण पराजित हुआ और अर्जुन ने विजय पाई।
- विराटराज के यहाँ अर्जुन ने कर्ण को हराया।
- द्रौपदी स्वयंवर में कर्ण असफल रहा।
- अंत में अर्जुन के हाथों मारा गया।
Question - 10 : - यदि तुम युधिष्ठिर की जगह होते तो यक्ष के प्रश्नों के क्या उत्तर देते?
Answer - 10 : -
यदि मैं युधिष्ठिर की जगह होता तो मैं भी यक्ष के प्रश्नों के उत्तर इस प्रकार देता कि वे प्रसन्न होकर मुझे वरदान देते और मेरे भाइयों को जीवित कर देते।