Question -
Answer -
(i) वनस्पति जगत तथा प्राणी जगत में अंतर-
प्राणी जगत | वनस्पति जगत |
1. भोजन की आदत के आधार पर प्राणियों को दो वर्गों में बाँटा जा सकता है-1. शाकाहारी जीव,2. मांसाहारी जीव। | 1. पौधों को दो वर्गों-फूल वाले पौधे तथा बिना फूल वाले पौधे के रूप में बाँटा जाता है। |
2. कुछ वन्यप्राणी विलुप्त होने की स्थिति में हैं, उनके संरक्षण के लिए विशेष प्रयत्न किए जा रहे हैं। | 2. हमारे देश में विविध प्रकार की वनस्पति मिलती है। यहाँ उष्ण कटिबंधीय वनस्पति से लेकर ध्रुवीय वनस्पति तक के दर्शन होते हैं। |
3. सूक्ष्म जीवाणु से लेकर विशालकाय ह्वेल तथा हाथी जीवों की श्रेणी प्राणी जगत कहलाती है। | 3. किसी प्रदेश या क्षेत्र में स्वतः ही पैदा होने वाले हरित स्वरूप को वनस्पति जगत कहते हैं। |
4. प्राणियों को तीन वर्गों में बाँटा गया है-(i) थल-चर, (ii) जल-चर, (iii) नभ-चर। | 4. प्राकृतिक वनस्पति के आवरण में वन, झाड़ियों तथा घास भूमियों को शामिल किया जाता है। |
5. हमारे देश के प्राणियों में भी विविधता पाई जाती है। यहाँ लगभग 89,000 जातियों के जीव-जन्तु पाए जाते हैं। | 5. भारत में पौधों की 47,000 प्रकार की जातियाँ पाई जाती हैं। |
6. 2,500 जातियों की मछलियाँ तथा 2,000 जातियाँ पक्षियों की पाई जाती हैं। | 6. पौधों की 5,000 जातियाँ तो ऐसी हैं जो केवल भारत में पाई जाती हैं। |
(ii) सदाबहार और पर्णपाती वन में अन्तर-
पर्णपाती वन | सदाबहार वन |
1. इन वनों में बहुत से पक्षी, छिपकली, सांप, कछुए आदि पाए जाते हैं। | 1. इन वनों में बहुत से पक्षी, चमगादड़, बिच्छु एवं घोंघे आदि पाए जाते हैं। |
2. ये वन भारत के पूर्वी भागों, उत्तर-पूर्वी राज्यों, हिमालय के पास की पहाड़ियों, झारखंड, पश्चिम ओडिशा, छत्तीसगढ़ तथा पूर्वी घाट के पूर्वी ढलानों, मध्य प्रदेश तथा बिहार में पाए जाते हैं। | 2. ये वन पश्चिमी घाट के ढलानों, लक्षद्वीप, अंडमान-निकोबार, असम के ऊपरी भागों, तटीय तमिलनाडु, पश्चिमी बंगाल, ओडिशा एवं भारत के उत्तर-पूर्वी राज्यों में पाए जाते हैं। |
3. इन वनों में पाए जाने वाले पेड़ों में सागोन, बाँस,साल, शीशम, चंदन, खैर, नीम आदि प्रमुख हैं। | 3. इन वनों में प्रायः पाये जाने वाले वृक्षों में आबनूस, महोगनी, रोजवुड आदि हैं। |
4. ये उन क्षेत्रों में पाए जाते हैं जहाँ वार्षिक वर्षा 70 से 200 सेमी के बीच होती है। | 4. ये उन क्षेत्रों में पाए जाते हैं जहाँ वार्षिक वर्षा 200 सेमी या इससे अधिक होती है। |
5. इने वनों में पौधे अपने पत्ते शुष्क गर्मी के मौसम में 6 से 8 सप्ताह के लिए गिरा देते हैं। | 5. इन वनों में पौधे अपने पत्ते वर्ष के अलग-अलग महीनों में गिराते हैं जिससे ये पूरे वर्ष हरे-भरे नजर आते हैं। |
6. इन वनों में प्रायः पाये जाने वाले पशुओं में शेर और बाघ हैं। | 6. इन वनों में प्रायः पाये जाने वाले पशुओं में हाथी, बंदर, लैमूर, एक सींग वाले गैंडे और हिरण हैं। |