Question -
Answer -
जीव-जन्तुओं के मलमूत्र, गोबर, कचरा, कृषि उत्पादों के अपशिष्ट आदि को जैव मात्रा कहते हैं। इनका विशेष प्रकार के संयंत्र में विघटन कर ऊर्जा के एक स्रोत बायोगैस का उत्पादन किया जाता है। गोबर में संचित रासायनिक ऊर्जा को बायो गैस में बदलने का कार्य गोबर गैस प्लांट में किया जाता है। इसमें चित्रानुसार (चित्र १६६) मिक्सिंग टैंक में गोबर को जल में मिलाकर पाचक टैंक में डाला जाता है। इससे मेथेन और कार्बन डाइऑक्साइड के मिश्रण युक्त गैस उत्पन्न होती है। इस गैस को गोबर गैस या बायोगैस कहते हैं।