Question - 
            
            
            
            
            Answer - 
            जातियाँ स्वयं अपने-अपने नियम बनाती थी, जिससे कि वे अपनी जाति के सदस्यों के व्यवहार को नियंत्रित कर सके। इन नियमों का पालन जाति के बड़े बुजुर्गों की एक सभा करवाती थी, जिसे कुछ इलाकों में जाति | पंचायत’ कहा जाता था, लेकिन जातियों को अपने निवास के गाँवों के रिवाजों का पालन भी करना पड़ता था।