Question - 
            
            
            
            
            Answer - 
            प्रतिदिन नगर व शहरों से व्यर्थ जल की बहुत बड़ी मात्रा जनित होती है। इस व्यर्थ जल का प्रमुख घटक मनुष्य का मल-मूत्र है। नगर में इस व्यर्थ जल को वाहित मल (सीवेज) कहते हैं।
1.	वाहित मल (सीवेज) में कार्बनिक पदार्थों की बड़ी मात्रा तथा सूक्ष्मजीव पाये जाते हैं, जो अधिकांशतः रोगजनकीय होते हैं।
2.	वाहित मल में ऑक्सीजन की कमी होती है। इसलिए कार्बनिक पदार्थों का विघटन भी नहीं हो पाता है। इसके फलस्वरूप वाहित मल वातावरण को प्रदूषित करते हैं।