Chapter 8 लोकतंत्र की चुनौतियाँ Solutions
Question - 1 : - धर्मनिरपेक्षता से क्या तात्पर्य है?
Answer - 1 : - राज्य का अपना कोई धर्म न हो तथा राज्य में रहने वाले व्यक्ति स्वेच्छा से कोई भी धर्म अपना सके तथा राज्य धर्म के आधार पर नागरिकों में भेदभाव न करे तो यह स्थिति धर्म निरपेक्षता कहलाती है।
Question - 2 : - लोकतांत्रिक व्यवस्था क्या है?
Answer - 2 : - यह एक ऐसी व्यवस्था है जिसके केंद्र में लोग हों अर्थात् लोगों के द्वारा बनाई सरकार, जो लोगों के हितों के लिए काम करेगी तथा लोगों की इच्छा तक ही बनी रहेगी।
Question - 3 : - निरक्षरता का क्या अर्थ है?
Answer - 3 : - वह स्थिति जिसमें लोगों को अक्षरों का ज्ञान न हो अर्थात् वे पढ़े लिखे न हो निरक्षरता कहलाती है।
Question - 4 : - राजनीतिक सुधार से क्या तात्पर्य है?
Answer - 4 : - लोकतंत्र की विभिन्न चुनौतियों के बारे में सभी सुझाव या प्रस्ताव राजनीतिक सुधार कहे जाते हैं।
Question - 5 : - सांप्रदायिकता से क्या तात्पर्य है?
Answer - 5 : - जब किसी एक धर्म के लोग अपने आपको दूसरे धर्मों से ऊपर समझते हैं तथा अपने धर्म के लिए दूसरे धर्मों को नीचा दिखाते हैं तो यह प्रवृति सांप्रदायिकता कहलाती है।
Question - 6 : - विधिक-संवैधानिक बदलावों को लाने मात्र से ही लोकतंत्र की चुनौतियों का हल नहीं किया जा सकता।” उदाहरण सहित इस कथन की न्याय संगत पुष्टि कीजिए।
Answer - 6 : - कानून बनाकर राजनीति को सुधारने की बात सोचना बहुत लुभावना लग सकता है। नए कानून सारी अवांछित चीजें खत्म कर देंगे यह सोच लेना भले ही सुखद हो लेकिन इस लालच पर लगाम लगाना ही बेहतर है। निश्चित रूप से सुधारों के मामले में कानून की एक महत्त्वपूर्ण भूमिका है। सावधानी से बनाए गए कानून गलत राजनीतिक आचरणों को हतोत्साहित और अच्छे कामकाज को प्रोत्साहित करेंगे। पर विधिक संवैधानिक बदलावों को ला देने भर से लोकतंत्र की चुनौतियों को हल नहीं किया जा सकता। उदाहरण स्वरूप-क्रिकेट एल.वी.डब्लू. के नियम में बदलाव से बल्लेबाजों द्वारा अपनाए जाने वाले बल्लेबाजी के नकारात्मक दाँव पेंच को कम किया जा सकता है पर यह कोई भी नहीं सोच सकता कि सिर्फ नियमों में बदलाव कर देने भर से क्रिकेट खेल सुधर जाएगा उचित नहीं है।
Question - 7 : - संसार के कुछ देश ‘लोकतंत्र के विस्तार की चुनौती’ का किस प्रकार सामना कर रहे हैं?
Answer - 7 : - संसार के कुछ देश लोकतंत्र के विस्तार की चुनौती का सामना कर रहे हैं। कई देशों में एकात्मक शासन व्यवस्था कायम है ऐसी स्थिति में शासन का केंद्र एक स्थान पर होता है। जबकि लोकतंत्र का विस्तार तभी हो सकता है जब स्थानीय सरकारों को अधिक अधिकार संपन्न बनाना, संघ की सभी इकाइयों के लिए संघ के सिद्धांतों को व्यावहारिक स्तर पर लागू करना, महिलाओं और अल्पसंख्यक समूहों की उचित भागीदारी सुनिश्चित करना आदि ऐसी ही चुनौतियाँ
Question - 8 : - विश्व में कुछ देश किस प्रकार लोकतंत्र की बुनियादी आधार बनाने की चुनौती का सामना कर रहे हैं? उदाहरणों सहित स्पष्ट कीजिए।
Answer - 8 : - दुनिया के एक चौथाई हिस्से में अभी भी लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था नहीं है। इन इलाकों में लोकतंत्र के लिए बहुत ही मुश्किल चुनौतियाँ हैं। इन देशों में लोकतांत्रिक व्यवस्था की तरफ जाने और लोकतांत्रिक सरकार गठित करने के लिए जरूरी बुनियादी आधार बनाने की चुनौती है। इसमें मौजूदा गैर लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था को गिराने, सत्ता पर सेना के नियंत्रण को समाप्त करने और एक संप्रभु तथा कारगर शासन व्यवस्था को स्थापित करने की चुनौती है।
Question - 9 : - लोकतंत्र की पुर्नपरिभाषा में किन-किन तत्वों को जोड़ा गया?
Answer - 9 : -
पहले लोकतंत्र की परिभाषा दी गई थी-लोकतंत्र शासन का वह स्वरूप है जिसमें लोग अपने शासकों का चुनाव खुद करते हैं। इसके बाद कुछ और चीजें इसमें जोड़ी गईं
- लोगों द्वारा चुने गए शासक ही सारे फैसले लें।
- चुनाव में लोगों को वर्तमान शासकों को बदलने और अपनी पसंद जाहिर करने का पर्याप्त अवसर और विकल्प मिलना चाहिए। ये विकल्प और अवसर हर किसी को बराबरी से उपलब्ध होने चाहिए।
- विकल्प चुनने के इस तरीके से ऐसी सरकार का गठन होना चाहिए जो संविधान के बुनियादी नियमों और नागरिकों के अधिकारों को मानते हुए काम करे।
Question - 10 : - किस प्रकार के कानून राजनीति में सफल होते हैं?
Answer - 10 : - राजनीतिक कार्यकर्ता को अच्छे काम करने के लिए बढ़ावा देनेवाले या लाभ पहुँचानेवाले कानूनों के सफल होने की संभावना ज्यादा होती है। सबसे बढ़िया कानून वे हैं जो लोगों को लोकतांत्रिक सुधार करने की ताकत देते हैं। सूचना का अधिकार-कानून लोगों को जानकार बनाने और लोकतंत्र के रखवाले के तौर पर सक्रिय करने को अच्छा उदाहरण है। ऐसा कानून भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाता है और भ्रष्टाचार पर रोक लगाने तथा कठोर दंड लागू करने वाले मौजूदा कानूनों की मदद करता है।