Chapter 7 धर्म की आड़ Solutions
Question - 11 : - आनेवाला समय किस प्रकार के धर्म को नहीं टिकने देगा?
Answer - 11 : -
आने वाला समय दिखावे वाले धर्म को नहीं टिकने देगा। नमाज पढ़ना, शंख बजाना, नाक दबाना यह धर्म नहीं है, शुद्ध आचरण और सदाचार धर्म के लक्षण हैं। पूजा के ढ़ोंग का धर्म आगे नहीं टिक पाएगा। ऐसी पूजा तो ईश्वर को रिश्वत की तरह होती है।
Question - 12 : - महात्मा गाँधी के धर्म-संबंधी विचारों पर प्रकाश डालिए।
Answer - 12 : -
महात्मा गाँधी अपने जीवन में धर्म को महत्वपूर्ण स्थान देते थे। वे सर्वत्र धर्म का पालन करते थे। धर्म के बिना एक पग भी चलने को तैयार नहीं होते थे। उनके धर्म के स्वरूप को समझना आवश्यक है। धर्म से महात्मा गांधी का मतलब, धर्म ऊँचे और उदार तत्वों का ही हुआ करता है। वे धर्म की कट्टरता के विरोधी थे। प्रत्येक व्यक्ति का यह कर्तव्य है कि वह धर्म के स्वरूप को भलि-भाँति समझ ले।
Question - 13 : - कौन-सा कार्य देश की स्वाधीनता के विरूद्ध समझा जाएगा?
Answer - 13 : -
हमारा देश स्वाधीन है। इसमें अपने-अपने धर्म को अपने ढ़ँग से मनाने की पूरी स्वतंत्रता है। यदि कोई इसमें रोड़ा बनता है अथवा टाँग अड़ाता है तो वह कार्य देश की स्वाधीनता के विरूद्ध समझा जाएगा।
Question - 14 : - सबके कल्याण हेतु अपने आचरण को सुधारना क्यों आवश्यक है?
Answer - 14 : -
सबके कल्याण हेतु अपने आचरण को सुधारना इसलिए आवश्यक है क्योंकि जब हम खुद को ही नहीं सुधारेंगे, दूसरों के साथ अपना व्यवहार सही नहीं रखेंगे तब तक दूसरों से क्या आशा रख सकते हैं। यदि हम धार्मिक बनेंगे अर्थात अपना व्यवहार अच्छा, सदाचार पूर्ण रखेंगे तो दूसरों को समझाना भी आसान हो जाएगा और धर्म का सही अर्थ प्रस्तुत किया जा सकेगा।
Question - 15 : - पाश्चात्य देशों में धनी और निर्धन लोगों में क्या अंतर है?
Answer - 15 : -
पाश्चात्य देशों में धनी और निर्धन के बीच गहरी खाई है। वहाँ धनी लोग निर्धन को चूसना चाहते हैं। उनसे पूरा काम लेकर ही वह धनी हुए हैं। वे धन का लोभ दिखाकर उन्हें अपने वश में कर लेते हैं और मनमाने तरीके से काम लेते हैं। धनियों के पास पूरी सुविधाएँ होती हैं पर गरीब के पास केवल खाने-रहने का मामूली साधन होता है।
Question - 16 : - कौन-से लोग धार्मिक लोगों से अधिक अच्छे हैं?
Answer - 16 : -
जो लोग खुद को धार्मिक कहते हैं परन्तु उनका आचरण, व्यवहार अच्छा नहीं है। उनसे वे लोग अच्छे हैं जो नास्तिक हैं, धर्म को बहुत जटिलता से नहीं मानते परन्तु आचरण और व्यवहार में बहुत अच्छे हैं। दुसरों के सुख-दुख का मान रहता है, मदद करते हैं और सीधे सज्जन या अज्ञान लोगों को मूर्ख नहीं बनाते हैं।
Question - 17 : - उदाहरण के अनुसार शब्दों के विपरीतार्थक लिखिए −
1. सुगम – दुर्गम
2. धर्म – ………….
3. ईमान – ………….
4. साधारण – ………….
5. स्वार्थ – ………….
6. दुरूपयोग – ………….
7. नियंत्रित – ………….
8. स्वाधीनता – ………….
Answer - 17 : -
1. सुगम – दुर्गम
2. धर्म – अधर्म
3. ईमान – बेईमान
4. साधारण – असाधारण
5. स्वार्थ – निस्वार्थ
6. दुरूपयोग – सदुपयोग
7. नियंत्रित – अनियंत्रित
8. स्वाधीनता – पराधीनता
Question - 18 : - निम्नलिखित उपसर्गों का प्रयोग करके दो–दो शब्द बनाइए −
ला, बिला, बे, बद, ना, खुश, हर, गैर
Answer - 18 : -
ला – लाइलाज, लापरवाह
बिला – बिला वजह
बे – बेजान, बेकार
बद – बददिमाग, बदमिज़ाज़
ना – नाकाम, नाहक
खुश – खुशनसीब, खुशगवार
हर – हरएक, हरदम
गैर – गैरज़िम्मेदार, गैर कानूनी
Question - 19 : - उदाहरण के अनुसार ‘त्व‘ प्रत्यय लगाकर पाँच शब्द बनाइए −
उदाहरण : देव + त्व =देवत्व
Answer - 19 : -
1. उत्तरदायी + त्व = उत्तरदायित्व
2. महा + त्व = महत्व
3. पशु + त्व = पशुत्व
4 लघु + त्व = लघुत्व
5. व्यक्ति + त्व = व्यक्तित्व
6. मनुष्य + त्व = मनुष्यत्व
Question - 20 : - निम्नलिखित उदाहरण को पढ़कर पाठ में आए संयुक्त शब्दों को छाँटकर लिखिए −
उदाहरण − चलते–पुरज़े
Answer - 20 : -
समझता – बूझना छोटे – बड़े
पूजा – पाठ कटे – फटे
ठीक – ठाक खट्टे – मीठे
गिने – चुने लाल – पीले
जले – भुने ईमान – धर्म
स्वार्थ – सिद्धी नित्य – प्रति