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Chapter 3 एवरेस्ट मेरी शिखर यात्रा Solutions

Question - 21 : -
चढ़ाई के समय एवरेस्ट की चोटी की स्थिति कैसी थी?

Answer - 21 : -

जब बचेंद्री पाल एवरेस्ट की चोटी पर पहुँची तो वहाँ चारों ओर तेज़ हवा के कारण बर्फ़ उड़ रही थी। बर्फ़ इतनी अधिक थी कि सामने कुछ नहीं दिखाई दे रहा था। पर्वत की शंकु चोटी इतनी तंग थी कि दो आदमी वहाँ एक साथ खड़े नहीं हो सकते थे। नीचे हजारों मीटर तक ढलान ही ढलान थी। अतः वहाँ अपने आपको स्थिर खड़ा करना बहुत कठिन था। उन्होंने बर्फ के फावड़े से बर्फ़ तोड़कर अपने टिकने योग्य स्थान बनाया।

Question - 22 : -
सम्मिलित अभियान में सहयोग एवं सहायता की भावना का परिचय बचेंद्री के किस कार्य से मिलता है?

Answer - 22 : -

एवरेस्ट पर विजय पाने के अभियान के दौरान लेखिको बचेंद्री पाल अपने साथियो ‘जय’, की ‘मीनू’ के साथ चढाई कर रही थी, परंतु वह इनसे पहले साउथ कोल कैंप पर जा पहुँची क्योंकि वे बिना ऑक्सीजन के भारी बोझ लादे चढ़ाई कर रहे थे। लेखिका ने दोपहर बाद इन सदस्यों की मदद करने के लिए एक थरमस को जूस से और दूसरे को गरम चाय से भर लिया और बरफ़ीली हवा में कैंप से बाहर निकल कर उन सदस्यों की ओर नीचे उतरने लगी। उसके इस कार्य से सहयोग एवं सहायता की भावना का परिचय मिलता है।

Question - 23 : -
एवरेस्ट जैसे महान अभियान में खतरों को और कभी-कभी तो मृत्यु भी आदमी को सहज भाव से स्वीकार करनी चाहिए।

Answer - 23 : -

एवरेस्ट की सर्वोच्च चोटी पर चढ़ना एक महान अभियान है। इसमें पग-पग पर जान जाने का खतरा होता है। अतः यदि ऐसा कठिन कार्य करते हुए मृत्यु भी हो जाए, तो उसे सहज घटना के रूप में लेना चाहिए। बहुत हाय-तौबा नहीं मचानी चाहिए।

Question - 24 : -
सीधे धरातल पर दरार पड़ने का विचार और इस दरार का गहरे-चौड़े हिम-विदर में बदल जाने का मात्र खयाल ही बहुत डरावना था। इससे भी ज्यादा भयानक इस बात की जानकारी थी कि हमारे संपूर्ण प्रयास के दौरान हिमपात लगभग एक दर्जन आरोहियों और कुलियों को प्रतिदिन छूता रहेगा।

Answer - 24 : -

आशय यह है कि ग्लेशियरों के बहने से बरफ़ में हलचल होने से बरफ़ की बड़ी-बड़ी चट्टानें अचानक गिर जाती हैं। इससे धरातल पर दरार पड़ जाती है। यही दरारें हिम-विदर में बदल जाती हैं जो पर्वतारोहियों की मृत्यु का कारण बन जाती है। इसका ख्याल ही मन में भय पैदा कर देता है। दुर्भाग्य से यह भी जानकारी मिल गई थी कि इस अभियान दल को अपने अभियान के दौरान ऐसे हिमपात का सामना करना ही पड़ेगा।

Question - 25 : -
बिना उठे ही मैंने अपने थैले से दुर्गा माँ का चित्र और हनुमान चालीसा निकाला। मैंने इनको अपने साथ लाए लाल कपड़े में लपेटा, छोटी-सी पूजा-अर्चना की और इनको बरफ़ में दबा दिया। आनंद के इस क्षण में मुझे अपने माता पिता का ध्यान आया।

Answer - 25 : -

जब बचेंद्री पाल हिमालय की चोटी पर सफलतापूर्वक पहुँच गई तो उसने घुटने के बल बैठकर बर्फ़ को माथे से छुआ। बिना सिर नीचे झुकाए हुए ही अपने थैले से दुर्गा माँ का चित्र और हनुमान चालीसा निकाला। उसँने इन्हें एक लाल कपड़े में लपेटा। थोड़ी सी पूजा की। फिर इस चित्र तथा हनुमान चालीसा को बर्फ में दबा दिया। उस समय उसे बहुत आनंद मिला। उसने प्रसन्नतापूर्वक अपने माता-पिता को याद किया।

Question - 26 : -
इस पाठ में प्रयुक्त निम्नलिखित शब्दों की व्याख्या पाठ का संदर्भ देकर कीजिए-
निहारा है, धसकना, खिसकना, सागरमाथा, जायजा लेना, नौसिखिया

Answer - 26 : -

निहारा है- बहुत ध्यान से विस्मय के साथ देखना।
लेखिका ने नमचे बाजार पहुँचकर एवरेस्ट पर चढ़ाई करने से पूर्व उसे निहारा।

धसकना- नीचे धंस या दब जाना।
बरफ़ की भारी चट्टानें जब बरफ़ीले धरातल पर गिरती है तो धरातल धसक जाता है।
इसका खयाल पर्वतारोहियों को भयभीत करने वाला होता है।

खिसकना- धीरे-धीरे सरकना।
ग्लेशियरों के बहने से बरफ़ में हलचल मच जाती है और बड़ी-बड़ी चट्टानें खिसकने लगती हैं।

सागरमाथा- सागर का माथा अर्थात् एवरेस्ट।
लेखिका को एवरेस्ट का दूसरा नाम सागरमाथा, जो नेपालियों में पसंद है, पसंद आया।

जायजा लेना- अनुमान लगाना।
एवरेस्ट अभियान के समय अग्रिम दल ने पुल बनाकर, रस्सियाँ बाँधकर सभी बड़ी कठिनाइयों का जायजा ले लिया था।

नौसिखिया- नया सीखने वाला।
एवरेस्ट की चोटी पर चढ़ने वाले प्रथम व्यक्ति का गौरव पाने वाले तेनजिंग से लेखिका ने खुद को नौसिखिया कहा।

Question - 27 : -
निम्नलिखित पंक्तियों में उचित विराम-चिह्नों का प्रयोग कीजिए-

  1. उन्होंने कहा तुम एक पक्की पर्वतीय लड़की लगती हो तुम्हें तो शिखर पर पहले ही प्रयास में पहुँच जाना चाहिए
  2. क्या तुम भयभीत थीं
  3. तुमने इतनी बड़ी जोखिम क्यों ली बचेंद्री

Answer - 27 : -

  1. उन्होंने कहा, “तुम एक पक्की पर्वतीय लड़की लगती हो। तुम्हें तो शिखर पर पहले ही प्रयास में पहुँच जाना चाहिए।’
  2. “क्या तुम भयभीत थीं?”
  3. “तुमने इतनी बड़ी जोखिम क्यों ली बचेंद्री ?”

Question - 28 : -
नीचे दिए उदाहरण के अनुसार निम्नलिखित शब्द-युग्मों का वाक्य में प्रयोग कीजिए-
उदाहरण- हमारे पास एक वॉकी-टॉकी थी।

Answer - 28 : -

टेढ़ी-मेढ़ी- एवरेस्ट की बरफ़ीली चोटियाँ बरफ़ की टेढ़ी-मेढ़ी नदी-सी लग रही थीं।
गहर-चौड़े- पहाड़ी रास्ते में पड़ने वाले गहरे-चौड़े नाले देखकर मन भयभीत हो रहा था।
आसपास- रेगिस्तान में आसपास कोई भी पेड़ नहीं दिखाई दे रहा था।
हक्का-बक्का- अचानक सेना द्वारा घेरे जाने से आतंकवादी हक्के-बक्के रह गए थे।
इधर-उधर- जंगली रास्ते पर इधर-उधर देखकर चलना।
लंबे-चौड़े- चुनाव के समय नेतागण बड़े लंबे-चौड़े वादे करके जनता को बहलाते हैं।

Question - 29 : -
उदाहरण के अनुसार विलोम शब्द बनाइए-
उदाहरण- अनुकूल-प्रतिकूल

नियमित – अनियमित
विख्यात – कुख्यात
आरोही – अवरोही
निश्चित – अनिश्चित
सुंदर – असुंदर, खराब

Answer - 29 : -

नियमित – अनियमित
आरोही – अवरोही
सुंदर – असुंदर, खराब
विख्यातं – कुख्यात
निश्चित – अनिश्चित

Question - 30 : -
निम्नलिखित शब्दों में उपयुक्त उपसर्ग लगाइए-
जैसे- पुत्र – सुपुत्र
वास व्यवस्थित
कूल गति
रोहण रक्षित

Answer - 30 : -

आ + वास = आवास
अ + व्यवस्थित = अव्यवस्थित
प्रति + कूल = प्रतिकूल
दुर् + गति = दुर्गति
अव + रोहण = अवरोहण
सु + रक्षित = सुरक्षित

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