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Chapter 2 दुःख का अधिकार Solutions

Question - 21 : -
पाठ के संदर्भ के अनुसार निम्नलिखित वाक्यांशों की व्याख्या कीजिए −

बंद दरवाज़े खोल देना, निर्वाह करना, भूख से बिलबिलाना, कोई चारा न होना, शोक से द्रवित हो जाना।

Answer - 21 : -

1. बंद दरवाज़े खोल देना − प्रगति में बाधक तत्व हटने से बंद दरवाज़े खुल जाते हैं।

2. निर्वाह करना − परिवार का भरण-पोषण करना

3. भूख से बिलबिलाना − बहुत तेज भूख लगना (व्याकुल होना)

4. कोई चारा न होना − कोई और उपाय न होना

5. शोक से द्रवित हो जाना − दूसरों का दु:ख देखकर भावुक हो जाना।

Question - 22 : -
निम्नलिखित शब्द–युग्मों और शब्द–समूहों को अपने वाक्यों में प्रयोग कीजिए −

(क) छन्नी-ककना अढ़ाई-मास पास-पड़ोस
दुअन्नी-चवन्नी मुँह-अँधेरे झाड़ना-फूँकना
(ख) फफक-फफककर बिलख-बिलखकर
तड़प-तड़पकर लिपट-लिपटकर

Answer - 22 : -

(क)

1. छन्नी-ककना − मकान बनाने में उसका छन्नी-ककना तक बिक गया।

2. अढ़ाई-मास − वह विदेश में अढ़ाई-मास ही रहा।

3. पास-पड़ोस − पास-पड़ोस अच्छा हो तो समय अच्छा कटता है।

4. दुअन्नी-चवन्नी − आजकल दुअन्नी-चवन्नी को कौन पूछता है।

5. मुँह-अँधेरे − वह मुँह-अँधेरे उठ कर चला गया।

6. झाड़-फूँकना − गाँवों में आजकल भी लोग झाँड़ने-फूँकने पर विश्वास करते हैं।

(ख)

1. फफक-फफककर − बच्चे फफक-फफककर रो रहे थे।

2. तड़प-तड़पकर − आंतकियों के लोगों पर गोली चलाने से वे तड़प-तड़पकर मर रहे थे।

3. बिलख-बिलखकर − बेटे की मृत्यु पर वह बिलख-बिलखकर रो रही थी।

4. लिपट-लिपटकर − बहुत दिनों बाद मिलने पर वह लिपट-लिपटकर मिली।

Question - 23 : -
निम्नलिखित वाक्य संरचनाओं को ध्यान से पढ़िए और इस प्रकार के कुछ और वाक्य बनाइए :

(क) 1 लड़के सुबह उठते ही भूख से बिलबिलाने लगे।
2 उसके लिए तो बजाज की दुकान से कपड़ा लाना ही होगा।
3 चाहे उसके लिए माँ के हाथों के छन्नी-ककना ही क्यों न बिक जाएँ।
(ख) 1 अरे जैसी नीयत होती है, अल्ला भी वैसी ही बरकत देता है।
2 भगवाना जो एक दफे चुप हुआ तो फिर न बोला।

Answer - 23 : -

(क)

1 लड़के सुबह उठते ही भूख से बिलबिलाने लगे।बुढ़िया के पोता-पोती भूख से बिलबिला रहे थे।
2 उसके लिए तो बजाज की दुकान से कपड़ा लाना ही होगा।बच्चों के लिए खिलौने लाने ही होंगे।
3 चाहे उसके लिए माँ के हाथों के छन्नी-ककना ही क्यों न बिक जाएँ।उसने बेटी की शादी के लिए खर्चा करने का इरादा किया चाहे इसके लिए उसका सब कुछ ही क्यों न बिक जाए।
(ख)

1 अरे जैसी नीयत होती है, अल्ला भी वैसी ही बरकत देता है।जैसा दूसरों के लिए करोगे वैसा ही फल पाओगे।
2 भगवाना जो एक दफे चुप हुआ तो फिर न बोला।जो समय निकल गया तो फिर मौका नहीं मिलेगा।

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