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Question -

भाव स्पष्ट कीजिए
(क) हिति चित्त की है श्रृंनी गिराँनी, मोह बलिंडा तूटा।। उत्तर- इसका भाव यह है कि ईश्वरीय ज्ञान के आने से स्वार्थ-चिंतन समाप्त हो गया तथा सांसारिक मोह नष्ट हो गया।
(ख) आँधी पीछे जो जल बूठा, प्रेम हरि जन भींनाँ।



Answer -

(क) भाव यह है कि ज्ञान की आँधी आने से पहले मनुष्य के मन में भ्रम को जो छप्पर पड़ा था उसे सहारा देने वाले स्वार्थ पूर्ण विचारों के खंभे टूट गए और सांसारिक मोह-माया का बंधन टूट गया।

(ख) ज्ञान की आँधी आने के बाद भक्त के हृदय में प्रभु-प्रेम की जो वर्षा हुई उसके आनंद में भक्त का हृदय पूरी तरह से सराबोर हो गया।

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