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Chapter 8 एक कुत्ता और एक मैना Solutions

Question - 11 : -
मूक प्राणी मनुष्य से कम संवेदनशील नहीं होते। पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए।

Answer - 11 : -

मूक प्राणी भी संवेदनशील होते हैं, उन्हें भी स्नेह की अनूभूति होती है। पाठ में रविन्द्रनाथ जी के कुत्ते के कुछ प्रसंगों से यह बात स्पष्ट हो जाती है –

(1) जब कुत्ता रविन्द्रनाथ के स्पर्श को आँखे बंद करके अनुभव करता है, तब ऐसा लगता है मानों उसके अतृप्त मन को उस स्पर्श ने तृप्ति मिल गई हो।

(2) रविन्द्रनाथ कि मृत्यु पर उनके चिता भस्म के कलश के सामने वह चुपचाप बैठा रहा तथा अन्य आश्रमवासियों के साथ गंभीर भाव से उत्तरायण तक गया।

Question - 12 : -
गुरुदेव द्वारा मैना को लक्ष्य करके लिखी कविता के मर्म को लेखक कब समझ पाया?

Answer - 12 : -

गुरुदेव द्वारा मैना को लक्ष्य करके लिखी गई कविता का मर्म लेखक को तब समझ आया जब रविन्द्रनाथ के कहने पर उन्होंने मैना को ध्यान पूर्वक देखा। तब उन्हें मैना की करुण दशा ज्ञात हुई।

Question - 13 : -
प्रस्तुत पाठ एक निबंध है। निबंध गद्य-साहित्य की उत्कृष्ट विधा है, जिसमें लेखक अपने भावों और विचारों को कलात्मक और लालित्यपूर्ण शैली में अभिव्यक्त करता है। इस निबंध में उपर्युक्त विशेषताएँ कहाँ झलकती हैं? किन्हीं चार का उल्लेख कीजिए।

Answer - 13 : -

(1) प्रतिदिन प्रात:काल यह भक्त कुत्ता स्तब्ध होकर आसन के पास तब तक बैठा रहता है, जब तक अपने हाथों के स्पर्श से मैं इसका संग स्वीकार नहीं करता। इतनी सी स्वीकृति पाकर ही उसके अंग-अंग में आनंद का प्रवाह बह उठता है।

(2) इस बेचारी को ऐसा कुछ भी शौक नहीं है, इसके जीवन में कहाँ गाँठ पड़ी है, यह सोच रहा हूँ।

(3) उस समय भी न जाने किस सहज बोध के बल पर वह कुत्ता आश्रम के द्वार तक आया और चिताभस्म के साथ गंभीर भाव से उत्तरायण तक गया।

(4) रोज़ फुदकती है ठीक यहीं आकर। मुझे इसकी चाल में एक करुण भाव दिखाई देता है।

Question - 14 : -
आशय स्पष्ट कीजिए –

इस प्रकार कवि की मर्मभेदी दृष्टि ने इस भाषाहीन प्राणी की करुण दृष्टि के भीतर उस विशाल मानव-सत्य को देखा है, जो मनुष्य, मनुष्य के अंदर भी नहीं देख पाता।

Answer - 14 : -

ऐसा देखा गया है कि आज समय के बदलते रुप के साथ मनुष्य के विचारों में भी बदलाव आया है। आज का मनुष्य पहले की अपेक्षा अधिक आत्मकेन्द्रित हो गया है। आज मनुष्य इतना आत्मकेन्द्रित हो गया है कि मनुष्य, मनुष्य के भावों को नहीं समझ पाता है। इस विषय में पशुओं का स्वभाव मनुष्य से भिन्न है। भाषाहीन होने के बाद भी वे मनुष्यों के स्नेह का अनुभव कर लेते हैं।

Question - 15 : -
• गुरुदेव ज़रा मुस्करा दिए।

• मैं जब यह कविता पढ़ता हूँ।

ऊपर दिए गए वाक्यों में एक वाक्य में अकर्मक क्रिया है और दूसरे में सकर्मक। इस पाठ को ध्यान से पढ़कर सकर्मक और अकर्मक क्रिया वाले चार-चार वाक्य छाँटिए।

Answer - 15 : -

सकर्मक क्रिया–

(1) गुरुदेव ने उसकी पीठ पर हाथ फेरा।

(2) हवा में बाँस के पत्ते झरझराते रहते हैं।

(3) एक दूसरी बार मैं सवेरे गुरुदेव के पास उपस्थित था।

(4) तीन-चार वर्ष से मैं एक नए मकान में रहने लगा हूँ।

अकर्मक क्रिया –

(1) वे हँसकर पूछते थे।

(2) रविन्द्रनाथ के लिए उस पर चढ़ सकना अंसभव था।

(3) जब वह अकेले जाया करती है।

(4) मैं चुपचाप सुनता जा रहा था।

Question - 16 : -
निम्नलिखित वाक्यों में कर्म के आधार पर क्रिया-भेद बताइए-

(क) मीना कहानी सुनाती है।

(ख) अभिनव सो रहा है।

(ग) गाय घास खाती है।

(घ) मोहन ने भाई को गेंद दी।

(ड.) लड़कियाँ रोने लगीं।

Answer - 16 : -

(क) सकर्मक क्रिया

(ख) अकर्मक क्रिया

(ग) सकर्मक क्रिया

(घ) सकर्मक क्रिया

(ड.) अकर्मक क्रिया

Question - 17 : -
नीचे पाठ में से शब्द-युग्मों के कुछ उदाहरण दिए गए हैं, जैसे-

समय-असमय, अवस्था-अनवस्था

इन शब्दों में ‘अ’ उपसर्ग लगाकर नया शब्द बनाया गया है।

पाठ में से कुछ शब्द चुनिए और उनमें ‘अ’ एवं ‘अन्‌’ उपसर्ग लगाकर नए शब्द बनाइए।

Answer - 17 : -

‘अ‘ उपसर्ग वाले शब्द :-

(1) रोग्य – आरोग्य

(2) हैतुक – अहैतुक

(3) स्थान – अस्थान

(4) सम्भव – अंसभव

(5) परिसीम – अपरिसीम

‘अन्‌‘ उपसर्ग वाले शब्द :-

(1) उपस्थित – अनुपस्थित

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