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Question -

आज माटी वाली बुड्ढे को कोरी रोटियाँ नहीं देगी-इस कथन के आधार पर माटी वाली के हृदय के भावों को अपने शब्दों में लिखिए।



Answer -

माटी वाली टिहरी शहर के घरों में माटी देकर अपनी रोटी-रोजी चलाती है। यही उसकी आजीविका का एकमात्र साधन है। ऐसे ही एक घर में माटी देने पर घर की मालकिन ने उसे दो रोटियाँ दीं। उसे एक अन्य घर से भी दो रोटियाँ मिलीं। इनमें से उसने एक खाकर बाकी को घर ले जाने के लिए बचा लिया ताकि वह अपने अशक्त एवं बीमार बुड्ढे को दे सके। आज माटी बेचने से हुई आमदनी से वह एक पाव प्याज खरीदकर कूट तल कर उसकी सब्जी बनाना चाहती है। ताकि बुड्ढे को सूखी रोटियाँ न खानी पड़े। इससे बुड्ढा खुश हो जाएगा। इस कल्पना से माटी वाली खुश है क्योंकि रोटियों के साथ सब्ज़ी देखकर बूढ़ा प्रसन्न हो जाएगा। उसकी प्रसन्नता का अनुमान कर वह बहुत खुश हो रही है।

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