Question -
Answer -
- अमीर खुसरो-पहेलियाँ एवं मुकरियाँ
- कबीर-बीजक
- गुरूनानक-गुरुग्रंथ साहिब
- रहीम-रहीम के दोहे।
1. अमीर खुसरो-वह आवै तो शादी होय उस बिन दूजा और न कोए। मीठे लागे उनके बोल, क्यों सखी साजन। न सखी ढोल।
2. कबीर-कबीर एक महान समाज सुधारक थे, जिन्होंने समाज में व्याप्त तत्कालीन कुरीतियों पर जमकर प्रहार किया।
मौको कहाँ हूँढे बँदे, मैं तो तेरे पास में।
ना मैं देवल ना मैं मस्जिद, ना काबे कैलाश में।
ना तो कौने क्रियाकर्म में नहीं यो बैराग में, कहो कबीर सुनो भई साधो, सब स्वाँसों की स्वाँस में।
3. गुरुनानक-चारि नदी अगनी असराला कोई गुरुमुखि बुझै सबदि निराला।
साकत दुरमति डूबहि दाझहिं
गुरि राखे हरि सिव राता है।
4. रहीम-रहिमन यहि संसार में सबसे मिलियो धाइ।
ना जाने केहि भेस में नारायण मिलि जाइ।।