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NCERT Class 8 Hindi Bharat ki Khoj भारत की खोज Solutions

Question - 21 : -
(क) भारत पर प्राचीन काल से ही अनेक विदेशी आक्रमण होते रहे। उनकी सूची बनाइए। समय क्रम में बनाएँ तो और भी अच्छा रहेगा।
(ख) आपके विचार से भारत में अंग्रेज़ी राज्य की स्थापना इससे पहले के आक्रमणों से किस तरह अलग है?

Answer - 21 : -

ब्रिटिश सरकार से पूर्व पहले जितनी भी जातियों ने भारत पर आक्रमण किया या तो उसने देश में खूब लूट-पाट मचाई धन-संपत्ति लूटकर चले गए या इसी धरती की सभ्यता या संस्कृति को अपना लिया और यहीं बस गए। उन विदेशियों ने भारत पर शासन भी किया तो भारत को अपनेपन के भाव से देखा। लेकिन इसके विपरीत अंग्रेजों की शासन सत्ता पूर्णतया अलग थी। उन्होंने भारत को लूटा और शासन की बागडोर अपने हाथ में लेकर भारत को गुलाम बना दिया। भारत का प्रशासनिक ढाँचा इंग्लैंड से तैयार होने लगा।

(क) भारत पर प्राचीन काल में होने वाले आक्रमणों को निम्नलिखित रूप में सूचीबद्ध किया जा सकता है-
महमूद गज़नवी, मोहम्मद गोरी, नादिरशाह, अफगानियों का आक्रमण, मंगोलों का आक्रमण, तुर्कों का आक्रमण, अंग्रेज़ों
का आक्रमण।।

Question - 22 : -
(क) अंग्रेजी सरकार शिक्षा के प्रसार को नापसंद करती थी, क्यों?
(ख) शिक्षा के प्रसार को नापसंद करने के बावजूद अंग्रेज़ी सरकार को शिक्षा के बारे में थोड़ा बहुत काम करना पड़ा/क्यों?

Answer - 22 : -

(क) अंग्रेजी सरकार शिक्षा के प्रसार को इसलिए नापसंद करती थी क्योंकि अंग्रेज़ चाहते थे कि भारतीय अशिक्षित व असभ्य रहें ताकि भारतीय पढ़ लिखकर जागरूक न बने। जिससे उनका शासन निर्बाध गति से चलता रहे। उनमें नई चेतना तथा अपनी आज़ादी के प्रति लगाव पैदा न हो।

(ख) शिक्षा के प्रसार को नापसंद करने के बावजूद अंग्रेजी सरकार को अंग्रेज़ी शिक्षा का प्रचार-प्रसार भारत में करना पड़ा।
इसके निम्नलिखित कारण थे-

  1. उसे अपना काम चलाने के लिए कुछ भारतीयों की आवश्यकता थी। अतः वे अपना काम कराने के लिए कम वेतन पर क्लर्क तैयार कर सके।
  2. वे भारतीयों को पश्चिमी सभ्यता के रंग में रंगना चाहते थे। ताकि वे अंग्रेज़ी सरकार के भक्त बने रहें।
  3. इन पर भारतीय समाज सुधारकों के माध्यम से शिक्षा के प्रचार-प्रसार का दबाव बनाया जा रहा था।

Question - 23 : -
ब्रिटिश शासन के दौर के लिए कहा गया कि-“नया पूँजीवाद सारे विश्व में जो बाज़ार तैयार कर रहा था उससे हर सूरत में भारत के आर्थिक ढाँचे पर प्रभाव पड़ना ही था।” क्या आपको लगता है कि अब भी नया पूँजीवाद पूरे विश्व में जो बाज़ार तैयार कर रहा है, उससे भारत के आर्थिक ढाँचे पर प्रभाव पड़ रहा है? कैसे?

Answer - 23 : -

निश्चित रूप से यह कहा जा सकता है कि इस नए पूँजीवाद से पूरे विश्व के साथ भारत के आर्थिक ढाँचे पर भी प्रभाव पड़ रहा है। इस पूँजीवाद के परिणामस्वरूप वर्तमान पीढ़ी में किसी भी तरह कोई न कोई व्यवसाय अपनाकर धन कमाने की होड़ बढ़ी है। इसका प्रभाव यह पड़ा कि देश की पूँजी बाहर जा रही है, स्थानीय उद्योग धंधे का पतन हो रहा है। बाज़ार में विदेशी सामानों की भरमार है। इससे समाज में अमीरी-गरीबी की खाई बढ़ रही है। धनी और धनी तथा गरीब और गरीब होते जा रहे हैं। हमारा धन पूँजीपतियों के हाथों में जा रहा है। इससे स्वदेशी उद्योग धंधे चौपट हो रहे हैं। लोगों का विदेशी वस्तुओं के प्रति आकर्षण बढ़ता जा रहा है।

Question - 24 : -
गांधी जी के दक्षिण अफ्रीका से लौटने पर निम्नलिखित में किस तरह का बदलाव आया, पता कीजिए-
(क) कांग्रेस संगठन में।
(ख) लोगों में विद्यार्थियों, स्त्रियों, उद्योगपतियों आदि में।
(ग) आजादी की लड़ाई के तरीकों में।
(घ) साहित्य, संस्कृति, अखबार आदि में।

Answer - 24 : -

(क) कांग्रेस संगठन में शिथिलता समाप्त हो गई। गांधी जी के आने से कांग्रेस संगठन की मजबूती बढ़ी। इसमें किसान एवं मजदूर वर्ग भी शामिल होकर नए उमंग के साथ कार्य करने लगे।

(ख) छात्र विश्वविद्यालय छोड़कर आंदोलन में कूद पड़े, औरतें भी शामिल हुईं। कई धनी वर्ग भी गांधी जी के संपर्क में आए। इन लोगों ने गांधी के साथ अंग्रेज़ों के विरुद्ध नारा बुलंद किया।

(ग) आज़ादी की लड़ाई के तरीकों में भी परिवर्तन आया। ब्रिटिश सरकार के विरुद्ध लड़ाई में गांधी जी ने सत्य और अहिंसा को प्रमुख हथियार बनाया।

(घ) साहित्य, संस्कृति का विकास हुआ। कई अखबार निकले। अखबारों में अंग्रेजों की दमन की नीति की खबरें प्रमुखता से छपने लगीं। स्वतंत्रता के प्रति लोगों में जागरुकता बढ़ी।

Question - 25 : -
“अक्सर कहा जाता है कि भारत अंतर्विरोधों का देश है।” आपके विचार से भारत में किस-किस तरह के अंतर्विरोध हैं? कक्षा में समूह बनाकर चर्चा कीजिए।
(संकेत-अमीरी-गरीबी, आधुनिकता-मध्ययुगीनता, सुविधा-संपन्नता-सुविधाविहीन आदि)

Answer - 25 : -

भारत अंतर्विरोधों का देश है। इस देश में अनेक प्रकार के अंतर्विरोध रहे हैं।
(क) इसमें जहाँ एक ओर काफ़ी अमीरी है तो दूसरी ओर अधिकांश जनता गरीबी की मार झेल रही है। अमीर गरीब के बीच खाई-चौड़ी होती जा रही है। देश में अमीर लोग कई प्रकार की सुविधाओं के माध्यम से उत्तम जीवन व्यतीत कर रहे हैं। तो गरीब लोग जो सुविधाविहीन हैं वे निम्न स्तरीय जीवन व्यतीत करने के लिए मजबूर हैं। शहरों में आधुनिकता की झलक दिखाई देती है तो गाँव अभी भी मध्ययुगीन दौर में हैं।

Question - 26 : -
पृष्ठ संख्या 122 पर नेहरू जी ने कहा है कि-”हम भविष्य की उस ‘एक दुनिया की तरफ़ बढ़ रहे हैं जहाँ राष्ट्रीय संस्कृतियाँ मानव जाति की अंतरराष्ट्रीय संस्कृति में घुलमिल जाएँगी।” आपके अनुसार उस ‘एक दुनिया में क्या-क या अच्छा है और कैसे-कैसे खतरे हो सकते हैं?

Answer - 26 : -

हमारे अनुसार वह दुनिया सबसे अच्छी होगी जिसमें सबको जीने रहने खाने की आज़ादी बिना भेद-भाव का हो। इसका परिणाम यह होगा कि कोई देश अलग-थलग नहीं रह सकता। सभी देशों की संस्कृतियाँ एक-दूसरे से घुलमिल जाएंगी यानी सभी देश मिलकर ही उन्नति की ओर अग्रसर हो पाएँगे। एक-दूसरे से मिल-मिलाप बढ़ेगा तथा सभी उन्नति के मार्ग पर आगे बढ़ते जाएँगे। इससे हम भारतीय अच्छे विश्व नागरिक बन सकेंगे।

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