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Chapter 7 पापा खो गए Solutions

Question - 11 : -
मराठी से अनूदित इस नाटक का शीर्षक ‘पापा खो गए’ क्यों रखा गया होगा ? अगर आपके मन में कोई दूसरा शीर्षक हो तो सुझाइए और साथ में कारण भी बताइए।

Answer - 11 : -

लड़की को अपने पापा का नाम-पता कुछ भी मालूम नहीं था। इधर-उधर आपस में बातें करने पर भी इसकी कोई जानकारी नहीं मिलती। तब सभी पात्र एक जुट होकर लड़की के पापा को ढूंढ़ने की योजना बनाते हैं। सम्भवत: इसी कारण से इस नाटक का शीर्षक ‘पापा खो गए‘ रखा गया होगा।

प्रस्तुत नाटक में लड़की अपने पापा से अलग होकर खो जाती है। नाटक के अधिकांश भाग में लड़की के नाम-पते की जानकारी इकट्ठा करने की कोशिश की जाती है। अत: पाठ का नाम ‘लापता बच्ची‘ रखना अधिक उपयुक्त लगता है।

Question - 12 : -
क्या आप बच्ची के पापा को खोजने का नाटक से अलग कोई और तरीका बता सकते हैं?

Answer - 12 : -

बच्ची को पुलिस स्टेशन ले जाकर उसके खो जाने की रिपोर्ट लिखवानी चाहिए। इससे पुलिस उसके पापा को ढूँढ़कर बच्ची को उन्हें सौप देंगे।

Question - 13 : -
आसपास की निर्जीव चीज़ों को ध्यान में रखकर कुछ संवाद लिखिए, जैसे-

• चॉक का ब्लैक बोर्ड से संवाद

• कलम का कॉपी से संवाद

• खिड़की का दरवाज़े से संवाद

Answer - 13 : -

(i) चॉक का ब्लैक बोर्ड से संवाद

चॉक – ब्लैक बोर्ड देखो तो तुमपर मेरी लिखाई कितनी अच्छी लग रही है।

ब्लैक बोर्ड – हाँ तुमहारी लिखाई सफ़ेद जो है।

चॉक – अभी-अभी पेंट होने की वजह से तुम्हारा रंग बिल्कुल काला हो गया है।

ब्लैक बोर्ड − इसलिए तुमसे लिखा गया सब कुछ साफ़ व सुंदर दिख रहा है।

(ii) कलम का कॉपी से संवाद

कलम :- तुम सफ़ेद हो इसलिए तुम पर ये नीले रंग की लिखावट बहुत सुन्दर लगती है।

कॉपी :- अब बस करो ये पृष्ठ भर चुका है अब दूसरे पृष्ठ पर लिखना शुरू करो।

(iii) खिड़की का दरवाज़े से संवाद

खिड़की – देखो! हमारे और तुम्हारे पर्दे बिल्कुल एक ही जैसे हैं।

दरवाज़ा – हाँ, एक ही जैसे होने भी चाहिए नहीं तो अच्छा नहीं लगेगा।

खिड़की – आप मुझसे बड़े हो इसलिए आपके पर्दे मुझसे ज़्यादा लंबे हैं।

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