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Question -

‘काश, कोई तो होता जो मेरी भावनाओं को गभीरता से समझ पाता। अफसोस, ऐसा व्यक्ति मुझे अब तक नहीं मिला .। ” क्या आपको लगता है कि ऐन के इस कथन में उसके डायरी-लेखन का कारण छिपा हैं?



Answer -

ऐन एक साधारण लड़की थी। वह अपनी पढ़ाई सामान्य ढंग से करती थी, परंतु उसे सबसे अक्खड़ माना जाता था। उसे हर समय डाँट-फटकार सहनी पड़ती थी। वह एक जगह लिखती भी है-“मेरे दिमाग में हर समय  इच्छाएँ, विचार, आशय तथा डॉट-फटकार ही चक्कर खाते रहते हैं। मैं सचमुच उतनी घमंडी नहीं हूँ जितना लोग मुझे समझते हैं। मैं किसी और की तुलना में अपनी नयी कमजोरियों और खामियों को बेहतर तरीके से जानती हूँ।” एक अन्य स्थान पर वह लिखती है-“लोग मुझे अभी भी इतना नाकघुसेड़ और अपने आपको तीसमारखाँ समझने वाली क्यों मानते हैं?” वह यह भी लिखती है-“कोई मुझे नहीं समझता” इस प्रकार ऐन की टिप्पणियों से पता चलता है कि अज्ञातवास में उसे समझने वाला कोई नहीं था।

वह स्वयं को बदलने की कोशिश करती थी, परंतु फिर किसी-न-किसी के गुस्से का शिकार हो जाती थी। उपदेशों, हिदायतों से वह उकता चुकी थी तथा अपनी भावनाएँ ‘किट्टी’ नामक गुड़िया के माध्यम से व्यक्त की। हर मामले पर उसकी अपनी सोच है चाहे वह मिस्टर डसेल का व्यक्तित्व ही या महिलाओं के संबंध में विचार। अकेलेपन के कारण ही उसने डायरी में अपनी भावनाएँ लिखीं।

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