Question -
Answer -
प्रश्नकर्ता अपाहिज से उसके विकलांगपन व उससे संबंधित कष्टों के बारे में बार-बार पूछता है, परंतु अपाहिज उनके उत्तर नहीं दे पाता। वास्तविकता यह है कि उसे अपाहिजपन से उतना कष्ट नहीं है जितना उसके कष्ट को बढ़ाचढ़ाकर बताया जाता है। प्रश्नकर्ता के प्रश्न भी अस्पष्ट होते हैं तथा जितनी शीघ्रता से प्रश्नकर्ता जवाब चाहता है, उतनी तीव्र मानसिकता अपाहिज की नहीं है। उसने इस कमी को स्वीकार कर लिया है लेकिन वह अपना प्रदर्शन नहीं करना चाहता।