Question -
Answer -
लेखक को मध्य प्रांत की सरकार की तरफ से बंबई के जे.जे. स्कूल ऑफ आट्र्स में दाखिला लेने के लिए छात्रवृत्ति मिली। जब वे अमरावती के गवर्नमेंट नार्मल स्कूल से त्यागपत्र देकर बंबई पहुँचा तो दाखिले बंद हो चुके थे। सरकार ने छात्रवृत्ति वापस ले ली तथा उन्हें अकोला में ड्राइंग अध्यापक की नौकरी देने की पेशकश की। लेखक ने यह पेशकश स्वीकार नहीं की, क्योंकि उन्होंने बंबई शहर में रहकर अध्ययन करने का निश्चय कर लिया था। उन्हें यहाँ का वातावरण, गैलरियाँ व मित्र पसंद आ गए। चित्रकारी की गहराई को जानने-समझने के लिए बंबई (अब मुंबई) अच्छी जगह थी। चित्रकारी सीखने की इच्छा के कारण उन्होंने यह पेशकश ठुकरा दी।