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Question -

चित्रकला व्यवसाय नहीं, अंतरात्मा की पुकार हैं-इस कथन के आलोक में कला के वर्तमान और भविष्य पर विचार कीजिए।



Answer -

लेखक का यह कथन अक्षरश: सही है। जो व्यक्ति इस कला को सीखना चाहते हैं, उन्हें व्यावसायिकता छोड़नी होती है। व्यवसाय में व्यक्ति अपनी इच्छा से अभिव्यक्ति नहीं कर सकता। वह धन के लालच में कला के तमाम नियम तोड़ देता है तथा ग्राहक की इच्छानुसार कार्य करता है। उसकी रचनाओं में भी गहराई नहीं होती। ऐसे लोगों का भविष्य कुछ नहीं होता। जो कलाकार मन व कर्म से इस कला में काम करते हैं, वे अमर हो जाते हैं। उनकी कृतियाँ कालजयी होती हैं; उन्हें पैसे की कमी भी नहीं रहती, क्योंकि उच्च स्तर की रचनाएँ बहुत महँगी मिलती हैं। वर्तमान दौर में भी चित्रकला का भविष्य उज्ज्वल है।

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