MENU
Question -

कवि बिहारी भी कबीर की भाँति आडंबरपूर्ण भक्ति से दूर रहना चाहते थे। स्पष्ट कीजिए।



Answer -

कवि बिहारी का मानना था कि दिखावा एवं आडंबर करने को भक्ति नहीं कहा जा सकता है। कुछ लोग हाथ में माला लेकर राम-राम रटने को भक्ति मानते हैं तो कुछ लोग रामनामी वस्त्र ओढ़कर प्रभुभक्ति कहलाने का प्रयास करते हैं।

इतना ही नहीं कुछ लोग माथे पर रामनामी तिलक लगाकर प्रभु को पाने का प्रयास करते हैं। कवि बिहारी कहते थे कि ऐसा तो वही करते हैं जिनका मन कच्चा होता है या जो अपने मन को प्रभु राम के चरणों में नहीं लगा पाते हैं। प्रभु राम को पाने के लिए किसी आडंबर की आवश्यकता नहीं। वे तो सच्ची भक्ति से ही प्रसन्न हो जाते हैं। इसी तरह के विचार कबीर के थे। इस तरह स्पष्ट है कि बिहारी भी कबीर की भाँति आडंबरपूर्ण भक्ति से दूर ही रहना चाहते थे।

Comment(S)

Show all Coment

Leave a Comment

Free - Previous Years Question Papers
Any questions? Ask us!
×