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Chapter 12 तताँरा वामीरो कथा Solutions

Question - 31 : -
सुध-बुध खोए तताँरा की तंद्रा कैसे टूटी? तंद्रा टूटने पर उसने क्या किया?

Answer - 31 : -

मधुर गीत सुनकर सुध-बुध खोए तताँरा की तंद्रा तब टूटी जब लहरों के प्रबल वेग ने उसकी तंद्रा भंग की। तंद्रा टूटने और सचेत होने पर तताँरा उधर जाने को विवश हो गया जिधर से अब भी मधुर गीत की आवाज आ रही थी।

Question - 32 : -
वामीरो क्यों न जान सकी कि कोई अजनबी उसे निहारे जा रहा है?

Answer - 32 : -

वामीरो समुद्र के किनारे बैठी ढलती हुई शाम के सौंदर्य में बेसुध-सी सूर्य के आकर्षक रंग को निहार रही थी जो समुद्र के शरीर पर पड़ रहा था। वह मधुर स्वर में गीत गाए जा रही थी। वह गाने में इतनी खोई थी कि उसे अजनबी द्वारा निहारे जाने का ध्यान न आया।

Question - 33 : -
वामीरो ने मधुर गाना अधूरा क्यों छोड़ दिया?

Answer - 33 : -

वामीरो ने मधुर स्वर में गीत अधूरा इसलिए छोड़ दिया क्योंकि जब वह गीत गाने में तल्लीन थी तभी समुद्र से एक ऊँची लहर उठी और उसे भीगो गई। इसी हड़बड़ाहट में गीत गाना भूल गई।

Question - 34 : -
तताँरा वामीरो के प्रश्न का जवाब देने के बजाए उससे एक ही आग्रह क्यों किए जा रहा था?

Answer - 34 : -

तताँरा वामीरो के रूप सौंदर्य और मधुर गान में अपनी सुध-बुध खो बैठा था। वह सम्मोहित-सा वामीरो को देखता जा रहा था। सम्मोहन के कारण वामीरो की आवाज या कोई प्रश्न उसे ठीक से सुनाई ही नहीं दे रहा था, इसलिए वह बार-बार तुमने गाना क्यों रोक दिया? गाओ, गीत पूरा करो का आग्रह किए जा रहा था।

Question - 35 : -
सम्मोहन टूटने और होश आने के बाद तताँरा ने क्या किया?

Answer - 35 : -

सम्मोहन टूटने और होश आने के बाद तताँरा को अपनी गलती का अहसास हुआ। वह वामीरो के सामने रास्ता रोककर निवेदन भरे स्वर में कहने लगा, “मुझे माफ़ कर दो। जीवन में पहली बार मैं इस तरह विचलित हुआ हूँ। मैं तुम्हारा रास्ता छोड़ दूंगा। बस अपना नाम बता दो।”

Question - 36 : -
तताँरा द्वारा पूछने पर भी वामीरो उसे कोई जवाब क्यों नहीं दे रही थी?

Answer - 36 : -

तताँरा द्वारा पूछने पर भी वामीरो उसे कोई जवाब इसलिए नहीं दे रही थी क्योंकि उसे अपने गाँव की परंपरा का पूरा ध्यान है। वह जानती है कि उसके गाँव के लोग अन्य गाँव में वैवाहिक संबंध स्थापित नहीं करते हैं। वह केवल अपने गाँव के नवयुवकों के प्रश्नों का जवाब दे सकती है जबकि तताँरा उसके गाँव का नहीं था।

Question - 37 : -
वामीरो का मन भी तताँरा की ओर आकर्षित हो गया था। स्पष्ट कीजिए।

Answer - 37 : -

पहली ही नज़र में तताँरा को देखते ही वामीरो विस्मित हो गई। उसके मन में कोमल भावना का संचार हो गया। घर पहुँचने पर उसे भीतर ही भीतर बेचैनी-सी महसूस होने लगी। इस बेचैनी से मुक्त होने का उसका प्रयास दिखावा मात्र था। वह झल्लाहट में दरवाजा बंद कर मन को किसी और दिशा में ले जाने का प्रयास करने लगी।

Question - 38 : -
वामीरो तताँरा को क्यों भूलना चाहती थी ? पर वह चाहकर भी ऐसा क्यों नहीं कर पा रही थी?

Answer - 38 : -

वामीरो को अपने गाँव की रीति का भलीभाँति ज्ञान था कि जिसके अनुसार वह अपने गाँव के अलावा किसी अन्य गाँव के युवक से वैवाहिक संबंध स्थापित नहीं कर सकती हैं, इसलिए वह तताँरा को भूलना चाहती थी। वह चाहकर भी ऐसा इसलिए नहीं कर सकती थी क्योंकि तताँरा का याचना भरा चेहरा उसकी आँखों के सामने घूम जाता था।

Question - 39 : -
वामीरो से मिलने के बाद तताँरा का अगला दिन कैसे बीता?

Answer - 39 : -

वामीरो से मिलने के बाद तताँरा ने उससे अगले दिन भी आने की याचना की थी। वह वामीरो से बिछड़कर व्यथित था। वामीरो से मिलने की प्रतीक्षा में उसका समय काटना पहाड़ के समान भारी हो रहा था। ऐसे में उसे दिन उत्साहहीन, ठंडा, नीरस और ऊबाऊ प्रतीत हो रहा था।

Question - 40 : -
वामीरो और तताँरा अगले दिन तो मिले पर वे एक शब्द भी क्यों नहीं बोल पाए?

Answer - 40 : -

वामीरो और तताँरा यद्यपि एक ही बार मिले थे परंतु वे दोनों एक-दूसरे को गहराई से चाहने लगे थे। अपने प्रेम की अभिव्यक्ति के लिए उनके पास कोई शब्द न था। वे अपने मनोभावों को व्यक्त करने में सर्वथा असमर्थ थे, इसलिए वे मिलकर भी अपने प्रेम की मौन अभिव्यक्ति ही कर सके।

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