MENU
Question -

प्रातहि जगावत गुलाब चटकारी दै’- इस पंक्ति का भाव स्पष्ट कीजिए।



Answer -

इस कथन के माध्यम से कवि कहना चाहता है कि निजी प्रेम के मधुर क्षण सबके सामने प्रकट करने योग्य नहीं होते। मधुर चाँदनी रात में बिताए गए प्रेम के उजले क्षण किसी उज्ज्वल कहानी के समान होते हैं। यह गाथा बिल्कुल निजी संपत्ति होती है। अतः आत्मकथा में इनके बारे में कुछ लिखना अनावश्यक है।

Comment(S)

Show all Coment

Leave a Comment

Free - Previous Years Question Papers
Any questions? Ask us!
×