Question -
Answer -
बालगोबिन ‘भगत का पहनावा और आचरण कबीर पंथियों जैसा था। वे कबीर को साहब मानते थे और उनसे असीम श्रद्धा और विश्वास रखते थे। कबीर के प्रति उनकी श्रद्धा निम्नलिखित रूपों में प्रकट हुई है
उनका पहनावा कबीर पंथियों जैसा था।
उनके गले में तुलसी की माला और मस्तक पर रामानंदी टीका होता है।
वे अपने खेत की सारी उपज कबीरपंथी मठ पर ले जाकर चढ़ावे के रूप में अर्पित कर देते थे और जो कुछ प्रसाद रूप में मिलता उसी से घर चलाते।
वे कबीर के समान खरा-खरा व्यवहार करते और दूसरे की वस्तु अस्पृश्य समझते।
उन्होंने कबीर के पदों का गायन करते हुए द्रिन बिताया।
उन्होंने आत्मा को परमात्मा का अंश मानकर मृत्यु को दोनों के मिलन का शुभ अवसर बताया। उन्होंने कबीर की भाँति जीवन को नश्वर बताया।